वक़्त की पहचान
*वक़्त की पहचान*
होती जिसे है वक्त की पहचान दुनिया में,
रहता सफल हर वक्त वो इंसान दुनिया में।
वो झेलता रहता सदा दुश्वारियाँ न क्यूँ-
उसको नहीं छोड़े कभी मुस्कान दुनिया में।।
होती जिसे है.........।।
गिरता तो वो है लेकिन उठ जाता है पुनः,
खा के भी मात जंग में,लड़ता है वो पुनः।
देती है उसकी हार भी,पैग़ाम जीत का-
होता है ऐसा योद्धा,महान दुनिया में।।
होती जिसे है.............।।
कृष्णोपदेश युद्ध में,अर्जुन ने जो लिया,
साहस-विवेक-बल से,निज भाग्य तय किया।
देके शिकस्त शत्रु को,निज राह कर प्रशस्त-
साबित किया स्वयं को, बलवान दुनिया में।।
होती जिसे है................।।
काँटों के संग खिलता,केवल गुलाब है,।
होता हिना का सुर्ख़, घिस के शबाब है।
होता नहीं जो ताप यहाँ, आफ़ताब का-
रहती नहीं महफूज़ कोई, जान दुनिया में।।
होती जिसे है................।।
गिर-गिर के जो सम्हलते,होते प्रणम्य हैं,
राहें हों चाहे जैसी,सब राह गम्य हैं।
मौसम की मार सह-सह,गंतव्य प्राप्त कर-
पाता महान नायक,सम्मान दुनिया में।।
होती जिसे है.................।।
मद-घमंड हीन,विनीत औ सरल,
वाणी मधुर-मुलायम,स्वभाव से तरल।
करके ही ऐसे मूल्य का जीवन में अनुसरण-
होगा मनुष्य-मात्र का,कल्याण दुनिया में।।
होती जिसे है.................।।
जब-जब हुआ है धर्म और कर्म में विभेद,
समझा नहीं है कोई,इनका अटूट मेल।
दामन पे दाग़ सभ्यता के,तब पड़े अमिट-
ऐसे में कैसे होता, उत्थान दुनिया में??
होती जिसे है वक्त की पहचान दुनिया में,
रहता सफल हर वक्त, वो इंसान दुनिया में।।
डॉ0हरि नाथ मिश्र
9919446372
अदिति झा
12-Jan-2023 04:44 PM
Nice 👍🏼
Reply
Sachin dev
11-Jan-2023 06:13 PM
Well done
Reply